स्वयं सहायता समूह का गठन महिलाओं को आर्थिक दृष्टि से सक्षम बनाने के लिए भारत सरकार ने केंद्र सरकार और प्रत्येक राज्य की मदद से किया है।swayam sahayata samuh के गठन के बाद महिलाओं को समूह के नाम से बैंक में एक खाता खुलवाना होता है। इसके बाद महिलाएं अपनी साप्ताहिक या मासिक बचत को उस खाते में जमा करते हैं। स्वयं सहायता समूह से महिलाओं को सरकार की तरफ से मानदेय के रूप में कितना पैसा मिलता है यह प्रश्न बहुत बार पूछा गया है। अतः आइए जानते हैं कि महिलाओं को स्वयं सहायता समूह मैं वेतन के रूप में क्या मिलता है?
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swayam sahayata samuh |
स्वयं सहायता समूह की समूह सखी , अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष को कितना वेतन मिलता है?
स्वयं सहायता समूह में कार्य करने वाली महिलाओं में प्रमुख महिलाएं अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष होती हैं। इनको सरकार की तरफ से प्रत्यक्ष रूप में कोई मासिक वेतन नहीं मिलता। स्वयं सहायता समूह में लेखा, जोखा और रजिस्टर का कार्य करने वाली प्रमुख महिला को सरकार की तरफ से हाल ही में 9000 प्रतिमाह मासिक वेतन देने की घोषणा की गई है। हालांकि अभी पूर्ण तरीके से लागू नहीं किया गया। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी अन्य महिलाएं सरकार की तरफ से प्रत्यक्ष रूप से किसी भी प्रकार का वेतन अभी तक नहीं पा रहे हैं।
swayam sahayata samuh की अन्य महिलाओं को क्या लाभ मिलता है?
स्वयं सहायता समूह से जुड़ी अन्य महिलाओं को यह अपेक्षा रहती है कि हम स्वयं सहायता समूह से मासिक रूप में कितना वेतन पाएंगे? लेकिन यहां पर हम आपको बता देना चाहते हैं कि स्वयं सहायता समूह की अन्य महिलाओं को मासिक रूप में कोई वेतन नहीं मिलता। इसके अलावा स्वयं सहायता समूह की प्रत्येक महिला को अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी अन्य महिलाओं को दी जाने वाली सुविधाएं कुछ इस प्रकार है।
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को manrega के कार्यों की देखरेख का जिम्मा सौंपा जाएगा।
केंद्र सरकार ने हाल ही में प्रत्येक राज्य को यह दिशा निर्देश दिए हैं कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत अब स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को निर्माण के कार्य की देखरेख का जिम्मा सौंपा जाए जिसके लिए उन्हें ₹6000 प्रति माह के रूप में दिया जाएगा।
Bc sakhi yojana का लाभ।
केंद्र सरकार ने हाल ही में बीसी सखी योजना की शुरुआत की है जिसके तहत स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 58000 ग्रामीण महिलाओं को बैंकिंग आईडी प्रदान की जाएगी और उन्हें ग्रामीण क्षेत्र में जहां पर मिलो दूर बैंक जाना पड़ता है गांव में ही बैंक की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। जिसके तहत चयनित बैंक सखी महिलाओं को सरकार की तरफ से निर्धारित मासिक वेतन लैपटॉप दिया जाएगा। बैंक सखी महिलाएं गांव में बिजली बिल को एकत्र करेंगे एवं ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े छोटे-मोटे बैंकिंग कार्यों को भी करेंगे।
स्वयं सहायता समूह में खोले गए बैंक खाते में महिलाओं को मिलेंगे बड़े लाभ।
राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूह में जो बैंक खाते खोले गए हैं। उन पर सरकार अपनी तरफ से जमा धनराशि पर अधिक ब्याज दर देगी। इसके अलावा महिलाओं को एवं लघु उद्योग की स्थापना के लिए बैंक की तरफ से न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाएगा। यह ब्याज दर 2% से 4% तक की हो सकती है।
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